राजस्थान में राजपूत राजाओं की शासन रहा है. यहां के रजवाड़ें पूरे देश की शान के रूप में देखे जाते हैं.
ज्यादातर घर है नीले रंग में रंगे
रेगिस्तान के बीचो-बीच बसे इस शहर को पहले मारवाड़ नाम से जाना जाता था. इस रेतीले शहर में पड़ने वाली भयंकर गर्मी को इसके पीछे का मुख्य कारण बताया जाता है. जानकारों के मुताबिक तपती गर्मी से बचने के लिए यहां के घरों में नीला रंग लगाया गया है. दूर-दूर से देखने पर ऐसा लगता है मानो शहर नीले रंग से नहाया हो. इसलिए यह शहर ‘ब्लू सिटी’ कहा जाने लगा.
राजस्थान का जोधपुर ही इस देश का ब्लू सिटी है, जो लगभग 558 साल पहले बसाया गया था। यह एक बहुत ही खुबसूरत शहर है और यह शहर अपने रंग की वजह से जाना जाता है। इस शहर के बारे में कहा जाता है कि 1459 में राव जोधा ने जोधपुर शहर की खोज की थी। जोधा, राठौड़ समाज के मुखिया और जोधपुर के 15वें राजा थे।

उनके नाम से ही इस शहर का नाम जोधपुर पड़ा, इससे पहले इस शहर का नाम मारवाड़ था। यह शहर रेगिस्तान के बीचो- बीच बसा हुआ है, यहां के सभी घर नीले रंग के दीखते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी से बचने के लिए यहां के सभी घरों में नीला रंग लगाया गया है। इसीलिए इस शहर को नीला शहर यानी ब्लू सिटी कहा जाता है।
इस ब्लू सिटी में मौजूद ऐतिहासिक किले, पुराने महल और प्राचीन मंदिर जोधपुर के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक हैं।