Paras Milk Brand: वेद राम नागर ने 27 साल की उम्र में दूधिये के तौर पर काम शुरू किया था. 1960 की बात है जब वह कंपकंपाती ठंड में साइकिल से दूध की बिक्री करते थे. लेकिन यह काम करते हुए उनके इरादे बड़े थे.

Success Story: दिल्ली और इससे जुड़े 200 से 300 किमी के एरिया में पारस डेयरी प्रोडक्ट काफी फेमस हैं. घर-घर में मशहूर हो चुका यह मिल्क और घी के इस ब्रांड को बनाने में इसके फाउंडर वेद राम नागर को कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी. वेद राम नागर को लोग भले ही कम जानते हैं लेकिन उनका पारस ब्रांड आसानी से पहचाना जाने वाला नाम है. आज पारस डेयरी हर दिन करीब 36 लाख लीटर दूध की बिक्री करती है. इतना ही नहीं डेयरी प्रोडक्ट मार्केट की दिग्गज कंपनियों मदर डेयरी, अमूल को भी पारस कड़ी टक्कर दे रहा है. लेकिन शायद ही आपको पारस की शुरुआत के बारे में पता हो.
60 लीटर दूध की बिक्री से शुरू हुआ कारोबार
पारस डेयरी की शुरुआत महज 60 लीटर दूध की बिक्री करने से शुरू हुई थी. इसके फाउंडर वेद राम नागर ने 27 साल की उम्र में दूधिए के तौर पर काम शुरू किया था. 1960 की बात है जब वह कंपकंपाती ठंड में साइकिल से दूध की बिक्री करते थे. लेकिन यह काम करते हुए उनके इरादे बड़े थे. मेहनत के दम पर आज उन्होंने हजारों करोड़ का पारस ब्रांड खड़ा कर दिया. 20 साल तक इस तरह दूध की बिक्री करने के बाद 1980 में एक फर्म की शुरुआत की.
1987 में साहिबाबाद में शुरू किया मिल्क प्लांट
1984 में वेद राम नागर ने दूध और इससे बने प्रोडक्ट बनाने के लिए यूनिट शुरू की. इसके बाद 1986 में वेद राम नागर ने वीआरएस फूड नाम से कंपनी बनाई. 1987 में साहिबाबाद में मिल्क प्लांट शुरू किया. 1992 में दूसरा प्लांट बुलंदशहर के गुलावठी में शुरू किया. कुछ साल बाद कंपनी का कारोबार चल निकला तो 2004 में कंपनी ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अपने कारोबार का विस्तार करते हुए यहां भी मिल्क प्लांट शुरू किया. इसके बाद 2005 में उनका देहांत हो गया.
इसके बाद 2008 में उनकी कंपनी का नाम बदलकर वेदराम एंड संस प्राइवेट लिमिटेड हो गया. आज यह कंपनी यूपी के अलावा एमपी में भी कारोबार कर रही है. उनकी कंपनी हर दिन 36 लाख लीटर दूध की बिक्री करती है. यूपी के बागपत के खेकड़ा में जन्मे वेदराम नागर के बेटे आज हेल्थ केयर, रीयल एस्टेट में भी बड़ा नाम कमा रहे हैं.