Madhya Pradesh Election 2023: पीएम मोदी के इलेक्शन कैंपेन प्रोग्राम को ध्यान से देखें तो पता चलता है कि पूरे स्टेट को कवर करने के साथ उनका पूरा फोकस मालवांचल और आदिवासी बहुल सीटों पर भी है. यहां कई सीटों पर आदिवासी मतदाता प्रभावी हैं.

MP Election 2023: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) करीब दो दशक से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. शिवराज के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर होने के दावे किए जा रहे हैं. इसके बावजूद बीजेपी अपना ये किला बचाने के लिए जी जान से जुटी है. पीएम मोदी ने खुद देश का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश और उसके सीएम शिवराज सिंह चौहान की फाइट को आसान बनाने की कमान संभाली है. बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व साफ कर चुका है कि इलेक्शन पीएम के फेस पर लड़ा जा रहा है. ऐसे में मोदी किस तरह से शिवराज की नाव के खेवैया बनकर बेड़ा पार लगाने के लिए काम कर रहे हैं, आइए जानते हैं.

1.’एमपी के मन में बसे मोदी और मोदी के मन में एमपी’

मध्य प्रदेश में बीजेपी पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है. इसी वजह से लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में प्रचार के दौरान स्थानीय प्रत्याशी के बजाय पीएम मोदी के नाम को प्राथमिकता दी जा रही है. ‘एमपी के मन में बसे मोदी और मोदी के मन में एमपी’ चुनावी गीत के साथ मोदी के नाम पर कमल के फूल को वोट देने की अपील की जा रही है. 

2. पीएम मोदी की रिकॉर्ड रैलियां और जनसभाएं

एमपी में 4 नवंबर से पीएम मोदी अपने धुआंधार चुनावी कैंपेन की शुरुआत करेंगे. उनके पूरे चुनावी दौरे में प्रचार थमने तक यानी कुल 11 दिनों में मध्य प्रदेश में वो 14 चुनावी रैलियां संबोधित करेंगे. इन रैलियों के जरिए सूबे की सभी 230 सीटों पर फोकस किया जा रहा है. पीएम मोदी की पहली रैली रतलाम में 4 नवंबर की शाम करीब चार बजे होगी और आखिरी रैली 15 नवंबर की सुबह 11 बजे बैतूल में होगी.

3. पीएम मोदी करेंगे रोड शो

अपने एमपी दौरे में मोदी 14 नवंबर को इंदौर में रोड शो करेंगे. इस दौरान रतलाम, खंडवा, नीमच, बड़वानी, झाबुआ, शाजापुर और इंदौर को कवर किया जाएगा. 

4. मालवा पर फोकस

पीएम मोदी के इलेक्शन कैंपेन प्रोग्राम को ध्यान से देखें तो पता चलता है कि पूरे स्टेट को कवर करने के साथ उनका पूरा फोकस मालवांचल और आदिवासी बहुल सीटों पर भी है. यहां कई सीटों पर आदिवासी मतदाता प्रभावी हैं. ऐसे में वो आदिवासी वोट बैंक को साधने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं. बीजेपी राष्ट्रपति चुनाव के जरिए अपना एक कार्ड चल चुकी है. इसके अगले चरण में एमपी की सत्ता बचाने के लिए उन्होंने आदिवासी बाहुल जिलों पर फोकस करने के साथ अपनी 14 में से 6 जनसभाएं और एक रोड शो मालवा इलाके में रखी हैं.

5. बुदनी का सियासी समीकरण 

एमपी के सीएम बुदनी सीट से विधायक हैं. यह हाईप्रोफाइल सीट 2003 से बीजेपी का अभेध किला बन चुकी है. इस बार भी यहां से उनकी जीत तय मानी जा रही है. शिवराज सिंह चौहान के गृह क्षेत्र बुदनी विधानसभा में उनके रिकॉर्ड को अब तक कोई तोड़ नहीं सका है. बुदनी से शिवराज सिंह चौहान ने पहला चुनाव 1990 में लड़ा था. जो उन्होंने 22 हजार 810 वोटों से जीता था. तब से वो जीतते आ रहे है. 2023 में फिर से शिवराज सिंह चौहान प्रत्याशी है. उनकी सीट भी पीएम मोदी की चुनावी रैलियों के राडार पर है.