Diwali 2023 Special: दिवाली को हिन्दुओं का त्योहार जरूर कहते हैं. लेकिन कुछ मुस्लिम ऐसे भी हैं जो इस पर्व को मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते.. यही भारत की गंगा-जमुनी तहजीब है. कश्मीर के मुस्लिम कु्म्हार उमर ने हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश की है.

Diwali 2023 Special: धर्म के नाम पर जहर घोलने वालों की कमी नहीं है. लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो भारत में गंगा-जमुनी तहजीब से हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के भाईचारे को जिंदा रखे हैं. कुछ दिन बाद पूरा देश दिवाली के दीयों से जगमगा उठेगा. दिवाली को हिन्दुओं का त्योहार जरूर कहते हैं. लेकिन कुछ मुस्लिम ऐसे भी हैं जो इस पर्व को मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते.. यही भारत की गंगा-जमुनी तहजीब है. कश्मीर के मुस्लिम कु्म्हार उमर ने हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश की है. आइये आपको बताते हैं उमर की नेकदिली के बारे में.

मुस्लिम परिवार तैयार कर रहा दिवाली के दीये

दिवाली के त्योहार पर पूरे देश में लाखों दिवाली के दीये रोशन होंगे. इनमें से हजारों दीये कश्मीरी मुस्लिम परिवार के हाथों से बने होंगे. श्रीनगर में रहने वाले उमर का परिवार जात-पात-धर्म से ऊपर उठकर कई हफ्तों से दिवाली के दीये बना रहा है. पहले ही 20 हजार से अधिक मिट्टी के दिवाली दीये भेज चुका है.

दूर-दराज से मिल रहा ऑर्डर

दिवाली का त्योहार करीब आते ही ये कश्मीरी मुस्लिम कुम्हार परिवार मिट्टी के दीये बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहा है. उमर के पास देश भर से ऑर्डर आ रहे हैं. उमर अब तक 20,000 से अधिक मिट्टी के दीपक बनाकर भेज चुके हैं. उन्हें अभी भी हर दिन नए ऑर्डर मिल रहे हैं. उमर और उनका पूरा परिवार दशकों से मिट्टी के बर्तनों के व्यवसाय में है. उमर और उनका परिवार कश्मीर में मिट्टी के बर्तनों की कला को पुनर्जीवित और संरक्षित करने के लिए काम कर रहा है.

अब तक 20,000 दिवाली के दीये कर चुके तैयार

हमारे संवाददाता ने जब उमर से दीये बनाने को लेकर बात की, तो उन्होंने कहा कि हमने पिछले साल दिवाली दीया बनाना शुरू किया था. हमें भारी प्रतिक्रिया मिली. इस साल हम पहले ही लगभग 20,000 दिवाली के दीये बना चुके हैं. हमें अभी भी नए ऑर्डर मिल रहे हैं. हमें जम्मू और देश के अन्य हिस्सों और राज्यों से ऑर्डर मिल रहे हैं. हमने इसे कुलगाम भेजा है, जहां हमारा एक डिस्ट्रीब्यूटर इसे पूरे भारत में भेजता है. हम हिंदू और मुसलमानों के बीच अंतर नहीं करते. हम सभी एक साथ खुशी से रहते हैं. जब हमारा त्योहार होता है तो हम अन्य समुदायों से चीजें भी खरीदते हैं. इस वर्ष हमें स्थानीय लोगों से भी बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली.

हिन्दुओं को मुफ्त में दे रहे दीपक

उमर ने अपने इलाके में हिंदू समुदाय के भीतर सैकड़ों दिवाली के दीपक मुफ्त में वितरित किए हैं. उमर का कहना है कि स्थानीय खरीदारी से देश के युवा उद्यमियों की मदद की जा सकती है. उनका मानना ​​है कि यह ‘मेक इन इंडिया’ अवधारणा को भी बढ़ावा है. उमर न केवल समुदायों के भीतर भाईचारे का एक बड़ा उदाहरण बन गए हैं, बल्कि मिट्टी के बर्तनों की कला को बचाने और संरक्षित करने में भी मदद कर रहे है. उमर ने इस कला के क्षेत्र में नई तकनीकें और डिजाइन भी पेश किए हैं.