बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर ना सिर्फ देश के लोगों की निगाह लगी है. बल्कि दुनिया भी टकटकी लगाए देख रही है, इस प्रोजेक्ट के जमीन उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जिनका इस पर एकाधिकार है.

Bullet Train Project: बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा है.  मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन गलियारा परियोजना के लिए 100 किलोमीटर तक पुल (वायडक्ट) निर्माण और 230 किलोमीटर तक खंभे (पिअर) लगाने का काम पूरा हो चुका है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत निर्माण कार्य कर रही नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL)ने यह जानकारी दी. रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो भी जारी किया। 

इन जिलों में इतना काम

एनएचएसआरसीएल के मुताबिक इन पुलों में गुजरात की छह नदियों यानी वलसाड जिले में पार और औरंगा, नवसारी जिले में पूर्णा, मिंधोला, अंबिका और वेंगानिया पर पुल शामिल हैं. एनएचएसआरसीएल ने कहा, ‘‘परियोजना का पहला गर्डर 25 नवंबर, 2021 को लगाया गया था और छह महीने में यानी 30 जून, 2022 तक एक किलोमीटर तक पुल तैयार हो गया था. इस साल 22 अप्रैल को 50 किलोमीटर पुल निर्माण का काम पूरा कर लिया गया और फिर इसके छह महीने में 100 किलोमीटर तक पुल बना लिया गया. उसने बताया कि इसके अलावा परियोजना के लिए 250 किलोमीटर तक खंभे लगाने का काम भी पूरा हो चुका है और निर्मित पुल के किनारे शोर अवरोधक लगाने शुरू कर दिए गए हैं.

1.08 लाख करोड़ है लागत

मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल गलियारा परियोजना की कुल लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है. शेयरधारण प्रणाली के अनुसार, केंद्र सरकार एनएचएसआरसीएल को 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी, जबकि गुजरात सरकार पांच हजार करोड़ रुपये और महाराष्ट्र सरकार भी इतनी ही राशि का भुगतान करेगी। बाकी लागत जापान से 0.1 प्रतिशत ब्याज पर ऋण के माध्यम से पूरी की जा रही है. बुलेट ट्रेन परियोजना की नींव सितंबर 2017 में अहमदाबाद में रखी गई थी. ट्रेन के लगभग दो घंटे में 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने की उम्मीद है.