Tamil Nadu: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज में देश के पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया. वीपी सिंह की प्रतिमा से पर्दा हटते ही देश में नई सियासी बहस शुरू हो गई है.

Tamil Nadu: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज में देश के पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया. वीपी सिंह की प्रतिमा से पर्दा हटते ही देश में नई सियासी बहस शुरू हो गई है. कारण यह है कि प्रतिमा अनावरण के आयोजन में देश के तमाम दिग्गज नेताओं को नहीं बुलाया गया. लेकिन अखिलेश यादव स्टालिन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे. अब देश की राजनीति में तीसरे मोर्चे की अटकलों ने जोर पकड़ लिया है.
तमिलनाडु में वीपी सिंह की प्रतिमा
पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह को पिछड़ों और दलितों का मसीहा के रूप में जाना जाता था. उन्होंने सत्ता में आते ही मंडल कमीशन को लागू किया था, जिसे कांग्रेस 10 सालों से लटका रही थी. यही कारण है वे आज भी पिछड़ों के मसीहा के रूप में याद किए जाते हैं. स्टालिन ने वीपी सिंह के नेक कदमों के चलते ही चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया. लेकिन इसके साथ ही स्टालिन ने सिर्फ अखिलेश यादव को इस आयोजन में बुलाकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
INDIA अलायंस में दरार?
जानकारों की मानें तो इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश चुनाव से ही हो गई थी. जब कांग्रेस ने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को चुनावों में एक भी सीट नहीं दी थी. अखिलेश ने कांग्रेस के इस रवैये पर आपत्ति भी जताई थी. दोनों दलों के नेताओं में जुबानी जंग छिड़ गई थी. अखिलेश का बयान आया था कि लोकसभा चुनाव में यूपी की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. यहीं से INDIA अलायंस में दरार की खबरों ने भी जर पकड़ लिया था.
कांग्रेस के बिना तीसरा मोर्चा?
अब सीएम स्टालिन के इस कदम से स्पष्ट संकेत मिल गए हैं कि अखिलेश यादव कांग्रेस के बिना तीसरे मोर्चे को खड़ा करने में लग गए हैं. क्योंकि वीपी सिंह के प्रतिमा अनावरण में किसी भी विपक्षी दल के नेता को आमंत्रित नहीं किया गया. यहां पर ये जान लेना जरूरी है कि स्टालिन भी INDIA अलायंस के मुख्य हिस्सा हैं. लेकिन उन्होंने कांग्रेस के किसी भी नेता को इस आयोजन में न बुलाकर ये संकेत तो दे ही दिए कि INDIA अलायंस में सबकुछ ठीक नहीं है. कांग्रेस को छोड़ दें तो स्टालिन ने इंडिया गठबंधन के भी किसी नेता को आमंत्रित नहीं किया.
कौन देगा अखिलेश का साथ?
अखिलेश यादव की बात करें तो राजद और जदयू उनके साथ आ सकते हैं. अखिलेश यादव लंबे समय से बिहार के दिग्गज नेता लालू प्रसाद यादव के साथ मधुर संबंध निभाते आए हैं. मौजूदा सियासी परिस्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अखिलेश यादव कांग्रेस से अलग राजद, जदयू, डीएमके और कुछ अन्य दलों के साथ तीसरा मोर्चा खड़ा कर सकते हैं.
क्या कहा स्टालिन ने
पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की प्रतिमा का अनावरण करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि यह प्रतिमा एक महान नेता के सम्मान में और तमिल समुदाय का आभार व्यक्त करने के लिए बनाई गई है. अगर उत्तर प्रदेश वीपी सिंह की मातृभूमि थी, तो तमिलनाडु उनकी पितृभूमि थी. वह (वीपी सिंह) अपने भाषणों में थानथाई पेरियार (सामाजिक कार्यकर्ता) का जिक्र करना कभी नहीं भूलते थे और इसीलिए, पेरियार के सामाजिक न्याय की भूमि में, पहली बार उनके लिए एक प्रतिमा स्थापित की गई है.
वीपी सिंह की प्रशंसा
वीपी सिंह की प्रशंसा करते हुए स्टालिन ने कहा कि वे ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने पीड़ितों के लिए सामाजिक न्याय के दरवाजे खोले थे. सिंह सिर्फ 11 महीने ही प्रधानमंत्री रहे, लेकिन उन्होंने बहुत कुछ हासिल किया. वीपी सिंह ने ही मंडल आयोग की सिफारिश के आधार पर केंद्र सरकार की नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया था. वीपी सिंह ने कावेरी जल न्यायाधिकरण का भी गठन किया था. वीपी सिंह पिछड़े समुदाय से नहीं थे, न ही वह गरीब परिवार से थे, लेकिन उन्होंने गरीबों, वंचितों और उत्पीड़ित लोगों के आरक्षण के लिए लड़ाई लड़ी.