Rajasthan Police: राजस्थान पुलिस का ध्येय वाक्य है, ‘आमजन में विश्वास, अपराधियों में भय’. ये दावा अक्सर खोखला नजर आता है. क्योंकि अपराधियों में कहीं कोई भय नहीं दिखता. जयपुर में हाल ही में चलती बस में गैंगरेप के मामले (Jaipur Rape Case) ने दिल्ली के निर्भया कांड (Delhi gang rape Nirbhaya Case) की यादें ताजा कर दी हैं.

Rajasthan Govt Law and Order: राजस्थान में हाल ही में हुए चुनावों में बीजेपी ने प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ बढ़े अत्याचार के मामलों को लेकर गहलोत सरकार को घेरा था. भरतपुर से लेकर अलवर और उदयपुर तक की घटनाओं का हवाला देते हुए बीजेपी ने महिलाओं की सुरक्षा और सूबे में सुशासन यानी कानून का राज होने का दावा किया था. जनता ने वादों पर भरोसा किया और स्पष्ट बहुमत दिया. अब भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री बन चुके हैं. ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बीजेपी की भजनलाल सरकार के पहले लिटमस टेस्ट को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. दरअसल गुलाबी नगरी जयपुर में एक बस में दलित युवती से गैंगरेप का मामला सामने आया है. ऐसे में पीड़ित परिवार के अलावा पूरी जनता की निगाहें इंसाफ के लिए नई सरकार की ओर लगी हैं.

जयपुर में दिल्ली जैसा निर्भया कांड?

राजस्थान पुलिस का ध्येय वाक्य है, ‘आमजन में विश्वास, अपराधियों में भय’. इस थीम पर पुलिस जनता का दिल भी जीतना चाहती है. लेकिन उसका ये दावा अक्सर हवाहवाई और खोखला नजर आता है. क्योंकि अपराधियों में फिलहाल दूर-दूर तक कानून का कहीं कोई भय दिख नहीं रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि जयपुर में 5 दिसंबर को सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के कत्ल के बाद पूरे राजस्थान की सुरक्षा चाक चौबंद करने का दावा किया गया था. वो गुत्थी सुलझी भी नहीं थी कि चलती बस में 9 दिसंबर की देर रात एक युवती से गैंगरेप की वारदात ने 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली के निर्भया कांड की बुरी यादें ताजा करा दीं. जब एक चलती बस में कुछ आरोपियों ने एक होनहार लड़की की जिंदगी बर्बाद करते हुए दरिंदगी की इंतहा कर दी थी. 

भरी बस में रेप करने वालों का क्या हश्र होगा?

जयपुर में एक निजी बस के दो ड्राइवरों ने यूपी के कानपुर से जयपुर जा रही 19 साल की दलित लड़की के साथ बलात्कार किया. हैरानी की बात ये ही कि दरिदों ने उस वक्त इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया जब वो यात्रियों से खचाखच भरी थी. इस मामले में जयपुर पुलिस ने एक ड्राइवर आरिफ खान को गिरफ्तार कर लिया है, आरिफ की उम्र 22 साल है और उसके कंडक्टर ललित कुमार (24) की गिरफ्तारी के लिए कई शहरों में अपनी टीमें भेजी हैं. इस मामले में एसीपी फूल चंद्र मीणा ने बताया कि गैंगरेप की ये वारदात 9-10 दिसंबर की दरमियानी रात को कानोता थाना इलाके में हुई थी.

सरकार के पहले दिन महिलाओं की सुरक्षा पर जोर

15 दिसंबर को राजस्थान की नई सरकार का शपथ ग्रहण हुआ. CM भजनलाल शर्मा ने शपथ लेने के साथ ही कामकाज शुरू कर दिया है. उन्होंने पहले दिन करीब 6 घंटे काम करते हुए राजस्थान में महिला सुरक्षा और भ्रष्टाचार को खत्म करने पर जोर दिया. सरकार ने पेपर लीक मामले में जांच के लिए SIT बनाने का फैसला लिया है. ऐसे मे तो अब ये देखना है कि इस केस में पीड़िता को इंसाफ दिलाने और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए भजनलाल सरकार क्या एक्शन लेती है? क्या वो इन आरोपियों का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाएगी, और पुलिस को एलर्ट रहने का निर्देश देते हुए महिलाओं से जुड़े अपराधों की मॉनिटरिंग करेगी? या फिर ये मामला भी एक केस बनकर थाने की फाइल में दबा रह जाएगा.