Nobel Peace Prize: जेल में बंद एक्टिविस्ट नरगिस मोहम्मदी को 13 मौकों पर हिरासत में लिया गया, पांच मौकों पर दोषी ठहराया गया, और 154 कोड़ों के साथ 31 साल की जेल की सजा दी गई.

World News in Hindi: जेल में बंद ईरानी राइट्स एक्टिविस्ट नरगिस मोहम्मदी, को इस महीने की शुरुआत में नोबेल शांति पुरस्कार 2023 से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी. मोहम्मदी मंगलवार (31 अक्टूबर) को पुरस्कार देने वाली संस्था को लिखे थैंक्स लेटर को जेल से बाहर भेजने में कामयाब रहीं. बता दें मोहम्मदी को ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई और सभी के लिए मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया था.
51 वर्षीय पत्रकार और एक्टिविस्ट ने ईरान में महिलाओं के लिए अनिवार्य हिजाब और मौत की सजा के खिलाफ अभियान चलाया है. ईरान वर्तमान में महिलाओं के अधिकारों के मामले में सबसे खराब देशों में से एक है. 6 अक्टूबर को घोषित इस पुरस्कार को ईरानी नेताओं की फटकार और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है.
कुख्यात जेल में बंद हैं मोहम्मदी
जेल में बंद एक्टिविस्ट वर्तमान में तेहरान की कुख्यात एविन जेल में है जहां वह कई सजा काट रही हैं. मोहम्मदी को ईरानी शासन द्वारा 13 मौकों पर हिरासत में लिया गया, पांच मौकों पर दोषी ठहराया गया, और 154 कोड़ों के साथ-साथ 31 साल की जेल की सजा दी गई.
मोहम्मदी की बेटी ने पढ़ा पत्र
जेल से स्मगल कर बाहर लाए गए पत्र को उनकी 17 वर्षीय बेटी कियाना ने नोबेल पुरस्कार के एक्स पेज पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में पढ़ा, जिसमें कहा गया कि उनके शांति पुरस्कार जीतने की खबर के बाद उनकी साथी कैदियों ने ‘महिला, जीवन, आजादी’ चिल्लाना शुरू कर दिया. यह उस आंदोलन का नारा है जिसका मोहम्मदी हिस्सा हैं.
प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने पर अपनी पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया में मोहम्मदी ने ‘शक्तिशाली और महत्वपूर्ण संदेश’ को पहचानने के लिए नोबेल समिति के प्रति ‘गहरा आभार’ व्यक्त किया.
‘पुरस्कार एक महत्वपूर्ण मोड़’
मोहम्मदी ने कहा, ‘ईरान के लोगों ने अपने विकासवादी और सामाजिक आंदोलनों में विरोध की शक्ति का प्रदर्शन किया.’ उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार ‘दुनिया भर में प्रोटेस्ट और सामाजिक आंदोलनों को सशक्त बनाने’ में एक महत्वपूर्ण मोड़ है.
मोहम्मदी ने पत्र में कहा, मैं ‘आप सभी की आभारी हूं और अंतिम जीत तक ईरान के लोगों का समर्थन करने की अपील करती हूं, जीत आसान नहीं है, लेकिन निश्चित है.’
ईरान ने की मोहम्मदी को नोबेल देने की आलोचना
बता दें हाल में ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शनों की लहर देखी गई जिसके लिए तेहरान के अधिकारियों ने पश्चिम को जिम्मेदार ठहराया है. इस्लामिक रिपब्लिक ने मोहम्मदी को शांति पुरस्कार देने के नोबेल समिति के फैसले की भी निंदा की और कहा कि यह मानवाधिकार के मुद्दे में हस्तक्षेप और राजनीतिकरण कर रही है.