
राजस्थान भाजपा की बड़ी नेत्री और सांसद दीया कुमारी ने शुक्रवार को कहा कि राजस्थान में कांग्रेस वोट मांगने का अधिकार खो चुकी है। भाजपा का हर विधायक बड़े अंतर से जीतने जा रहा है। मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला शीर्ष नेतृत्व और पार्लियामेंट्री बोर्ड करेगा। इस पर मैं क्या ही बोल सकती हूं।भाजपा ने राजसमंद की सांसद दीया कुमारी को विद्याधर नगर सीट से टिकट दिया है। इस घोषणा के बाद से चर्चा है कि भाजपा 52 वर्षीय दीया कुमारी को मुख्यमंत्री पद के तौर पर प्रोजेक्ट कर रही हैं। उन्हें राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का रिप्लेसमेंट बताया जा रहा है। शुक्रवार को दीया कुमारी सवाई माधोपुर पहुंची थी। डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने नामांकन दाखिल किया, तब दीया कुमारी उनके साथ थीं। पत्रकारों से चर्चा में दीया कुमारी ने कहा कि पुरानी यादें ताजा हो गई हैं। हर बार जब भी सवाई माधोपुर आती हूं तब अच्छा लगता है। इन पांच साल में आपने देखा है कि प्रदेश में कहीं भी कोई घटना हुई है तो डॉक्टर साहब ने सक्रियता दिखाई है। महिला अत्याचार की घटना हो, किसानों के अत्याचार की घटना हो, या पेपर लीक का मसला हो, वह हमेशा लड़ते हैं। न्याय दिलाकर ही उठते हैं। ऐसे व्यक्ति को यहां से विधायक बनाएंगे तो यह सवाई माधोपुर के लिए खुशी की बात होगी। इस शहर को उनकी जरूरत है। केंद्र सरकार में भी उन्होंने खूब काम किए हैं। यहां भी वे खूब काम करेंगे।
2013 में डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा ने दीया कुमारी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। इस बार दीया कुमारी उनके नामांकन के समय सवाई माधोपुर आई। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति में यह सब चीजें चलती रहती हैं। वे एक अच्छे नेता हैं। उस समय भाजपा में नहीं थे। अब आ गए हैं। हमारे प्रत्याशी हैं। हम चाहते हैं कि वह जीते और जनता की सेवा करें। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में जितना ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ है, उतना कहीं नहीं हुआ। किसानों और महिलाओं के साथ अऩ्याय हुआ है। पेपर लीक से युवाओं के साथ अन्याय हुआ है। कांग्रेस को तो वोट मांगने तक का अधिकार नहीं है। भाजपा ने पूरे राजस्थान में केंद्र सरकार के मार्फत विकास की गंगा बहाई है। यह जरूरी है कि राजस्थान में भी डबल इंजन की सरकार बने। हर एक विधायक भारी मतों से जीते। वसुंधरा के रिप्लेसमेंट और मुख्यमंत्री पद से जुड़े सवालों पर उन्होंने कहा कि मैं तो क्या ही बोल सकती हूं। मुख्यमंत्री पद का फैसला तो पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करता है। शीर्ष नेतृत्व तय करता है। यह सब बातें मीडिया की बनाई है। यह कंट्रोवर्सी खड़ी करने की बात है। मैं खुद को किसी का रिप्लेसमेंट नहीं मानती।
क्यों चर्चा में हैं दीया कुमारी
भाजपा ने राजस्थान विधानसभा चुनावों के लिए पहली सूची में ही दीया कुमारी समेत सात सांसदों को टिकट दिया है। दीया कुमारी को विद्याधर नगर सीट से उतारा गया है, जो भाजपा का गढ़ रहा है। दीया जयपुर राजघराने से ताल्लुक रखती हैं। सवाई भवानी सिंह और रानी पद्मिनी देवी की इकलौती संतान हैं। दीया कुमारी के दादा मान सिंह (द्वितीय) जयपुर रियासत के आखिरी महाराजा थे। मुगल बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक थे। जयपुर राजघराना खुद को भगवान राम का वंशज भी बताता रहा है। 52 साल की दीया कुमारी 2013 से ही भाजपा के साथ हैं। दिल्ली और मुंबई में उनकी पढ़ाई हुई। फिर लंदन में उन्होंने फाइन आर्ट्स में डिप्लोमा लिया। उन्होंने राजघराने से बाहर के व्यक्ति से प्रेम विवाह किया था।