चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनियों के कुल मुनाफे में बीएफएसआई कंपनियों का हिस्सा 46.5 फीसदी रहा

देश में कंपनी जगत की कुल कमाई को किसी समय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों से दम मिलता था मगर अब उनकी जगह बैंकों तथा तेल एवं गैस कंपनियों ने ले ली है। वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में कंपनियों की कुल आय में आईटी सेवा क्षेत्र का योगदान 17.4 फीसदी रह गया, जो पिछले पांच साल में सबसे कम हिस्सेदारी है।

कमाई में बैंक एवं वित्तीय कंपनियों (बीएफएसआई) की हिस्सेदारी 46.5 फीसदी तथा तेल-गैस कंपनियों की हिस्सेदारी 16.8 फीसदी हो गई है।

जिस समय आईटी क्षेत्र अपने चरम पर था तब टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजिज तथा विप्रो जैसी कंपनियां बिज़नेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल सभी सूचीबद्ध कंपनियों के कुल शुद्ध मुनाफे में एक तिहाई से ऊपर योगदान करती थीं।

सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटी में शोध और इक्विटी स्ट्रैटजी प्रमुख धनंजय सिन्हा ने कहा, ‘कोविड के बाद कंपनियों की कुल मुनाफा वृद्धि में सबसे ज्यादा योगदान आईटी और बैंक तथा वित्तीय कंपनियों का ही रहा है।

मगर आईटी में मुनाफा वृद्धि उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है और बीएफएसआई में कर्ज की मांग घटने और मार्जिन कम होने के लक्षण दिख रहे हैं। यह पूरे कंपनी जगत की कमाई के लिए नकारात्मक संकेत है।’

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सूचीबद्ध आईटी कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा पिछले साल जुलाई-सितंबर के मुकाबले महज 3.5 फीसदी बढ़ा है, जो पांच तिमाहियों में सबसे कम वृद्धि है।

इसकी तुलना में बैंक, वित्त और स्टॉक ब्रोकिंग (बीएफएसआई) तथा तेल एवं गैस क्षेत्र की कंपनियों के मुनाफे में जोरदार उछाल से 428 सूचीबद्ध कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में 35.4 फीसदी बढ़ा है।

हमारे नमूने में शामिल 91 बीएफएसआई कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में साल भर पहले के मुकाबले 29.4 फीसदी बढ़ा है, जबकि तेल एवं गैस कंपनियों के शुद्ध मुनाफे में 103 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों से कंपनियों की कुल कमाई में एफएमसीजी फर्मों का योगदान भी घटने के संकेत मिलते हैं। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनियों के कुल मुनाफे में हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी और नेस्ले जैसी एफएमसीजी कंपनियों की हिस्सेदारी कम होकर 6.2 फीसदी रह गई, जो पांच साल में सबसे कम है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 7.7 फीसदी थी।

विश्लेषकों के अनुसार बीएफएसआई और तेल एवं गैस क्षेत्रों पर बढ़ती निर्भरता के कारण आगे कंपनियों के कुल मुनाफे में भारी उतार-चढ़ाव दिख सकता है।

इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक जी चोकालिंगम ने कहा, ‘बैंकिंग एवं वित्तीय तथा तेल-गैस क्षेत्र की कंपनियों के मार्जिन और मुनाफे में ब्याज दरों तथा कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव के कारण काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव आता है। इसके उलट आईटी और एफएमसीजी कंपनियों की आय और मुनाफा काफी हद तक स्थिर रहता है।’

अन्य क्षेत्रों की कुछ प्रमुख कंपनियों जैसे मारुति सुजूकी, जेएसडब्ल्यू स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट और एशियन पेंट्स के मुनाफे में भी वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में तेज उछाल आई है मगर इनमें कंपनियों का कुल मुनाफा बढ़ाने की कुव्वत नहीं है।

नमूने में शामिल 10 सर्वाधिक मुनाफे वाली कंपनियों में से 9 बीएफएसआई, आईटी तथा तेल एवं गैस क्षेत्र की हैं। शीर्ष 10 मुनाफा कमाने वाली कंपनियों में विनिर्माण क्षेत्र से आईटीसी अकेली कंपनी है।