Rajasthan Election News: राजस्थान में ऊंट किस ओर बैठगा, राजस्थान की सत्ता किसे हासिल होगी, राजस्थान में मोदी मैजिक चला है या फिर गहलोत की जादूगरी, इसका फैसला तो 3 दिसंबर को होगा, लेकिन इतना जरूर साफ हो गया है कि मुकाबला कांटे का है.

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में मतदान का रुझान किसकी तरफ है? राजस्थान (Rajasthan) के वोटर्स ने किस पर भरोसा किया है? क्या राजस्थान में एक बार फिर वही पुराना रिवाज चलेगा या फिर नया आगाज होगा. ऐसा हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि इस बार राजस्थान में जबरदस्त वोटिंग हुई है. वोटिंग परसेंटेज के मुताबिक, बीते 20 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. राजस्थान में 74 फीसदी वोटिंग हुई है. करीब 5 करोड़ 25 लाख मतदाताओं ने 1,800 से ज्यादा प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला किया. पूरे राजस्थान में वोटिंग को लेकर जबदस्त उत्साह नजर आया. तो क्या है वोटिंग के बाद का समीकरण आइए समझते हैं.

अबकी बार, राजस्थान में किसकी सरकार?

राजस्थान की 199 विधानसभा सीटों पर 51,000 से ज्यादा पोलिंग बूथों पर वोटिंग सुबह 7 बजे शुरू हुई और शाम 6 बजे खत्म हुई. हालांकि, पोलिंग बूथों पर पहले से ही कतार में खड़े लोगों को वोट देने की इजाजत दी गई. वोटिंग के पहले 2 घंटों में लगभग 10 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले और सुबह 11 बजे तक ये आंकड़ा लगभग 25 प्रतिशत पहुंच गया. फिर दोपहर 1 बजे तक 40 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हो गई और शाम पांच बजे तक ये आंकड़ा 68 फीसदी के पार हो गया. इसके बाद रात होते-होते वोटिंग का आंकड़ा 74 फीसदी के पार हो गया है.

कांग्रेस और बीजेपी का क्या है दावा?

राजस्थान में बंपर वोटिंग के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया कि राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी. इधर बीजेपी ने भी दावा किया है कि राजस्थान में बीजेपी की रिकॉर्ड सीटों के साथ वापसी होगी. बीजेपी नेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने दावा किया है कि कई सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त होने वाली है. राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि बीजेपी की जीत निश्चित है. पीएम मोदी की गांरटी हर घर तक पहुंच गई है. कांग्रेस की कई जगह जमानत जब्त होने वाली है.

वोटिंग के बीच हिंसा भी हुई

हालांकि, राजस्थान विधानसभा चुनाव में मतदान के दौरान कुछ जगहों पर हिंसा और तनाव की घटनाएं भी हुईं. फतेहपुर शेखावटी में मतदान के दौरान 2 गुटों में हिंसा हुई, इसके अलावा धौलपुर में भी चुनाव के दौरान पथराव हुआ. जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबर है. वहीं, कई इलाके ऐसे भी रहे जहां पर हिंसा की छुटपुट घटनाओं के बीच वोटिंग हुई.

कांग्रेस-बीजेपी के बीच है सीधा मुकाबला

गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है. कांग्रेस इस बार मैदान में रिवाज बदलने के संकल्प के साथ उतरी है. कांग्रेस का लक्ष्य है कि हर पांच साल में सत्ता से बाहर करने के रिवाज को खत्म करना है. जबकि बीजेपी अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में जोरदार वापसी करना चाहती है.

बीजेपी का कहना है कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने समाज के हर वर्ग के साथ धोखा किया. 2018 में किए गए एक भी वादे को पूरा नहीं किया. परिवर्तन के संकल्प के साथ जनता जुटी है, अबकी बार राज बदलेगा और इतनी बुरी तरह बदलेगा कि एक नया इतिहास बनेगा.

बंपर वोटिंग से किसे फायदा?

राजस्थान के वोटिंग परसेंटेज के लिहाज से आंकड़ों पर गौर किया जाए तो बीते 4 बार से बीजेपी और कांग्रेस को बारी-बारी से सरकार बनाने का मौका मिला है. 2003 में प्रदेश में 67.18 फीसदी वोटिंग हुई थी. वहीं ठीक पांच साल बाद यानी 2008 में 66.25 फीसदी वोटिंग हुई तो 2013 में रिकॉर्ड 75.04 फीसदी मतदान हुआ. 2018 में राजस्थान की जनता ने 74.06 फीसदी वोटिंग की और कांग्रेस की सरकार बन गई.