कन्नौज । पत्नी की मौत के बाद नाबालिग बेटी को हवस का शिकार बनाने वाले पिता को अब आखिरी सांस तक जेल में रहना होगा। बेटी की गवाही के बाद दोष सिद्ध किया गया और विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने उसे कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। जुर्माने की रकम अदा न करने पर उसे दो साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। 
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) नवीन कुमार दुबे ने बताया कि विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पप्पू जाटव ने 21 अप्रैल 2018 को मुकदमा दर्ज कराया था कि वह न्यायालय से जारी वारंट के आधार जेल चला गया। 19 अप्रैल 2018 को छोटे भाई सतीश ने उसकी 11 साल की बेटी के साथ दुष्कर्म किया। जब वह जमानत पर छूटकर आया तो बेटी ने घटना की जानकारी दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना की और पीड़िता ने कोर्ट में बयान दिए तो मामला पलट गया। जांच में पता चला कि पप्पू ने ही बेटी के साथ दुष्कर्म किया था। तत्कालीन थाना प्रभारी सुजीत वर्मा ने उसके खिलाफ सात दिसंबर 2018 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। पीड़िता को राजकीय बाल संरक्षण गृह लखनऊ भेज दिया गया। 
अभियोजन पक्ष की तरफ से छह गवाह पेश किए गए, जिसमें पीड़िता की गवाही अहम रही। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अल्का यादव ने पप्पू जाटव को दुष्कर्म व लैंगिक अपराधों से बाल संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) में कठोर आजीवन कारावास तथा शेष प्राकृत जीवन के लिए कारावास अर्थात अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। 

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