Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के दौरान बैंक नकद के साथ ही ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर भी नजर रखेंगे. खाताधारकों की तरफ से किये जाने वाले 1000 रुपये तक के ट्रांजेक्शन पर नजर रखी जाएगी. वॉलेट से कोई 1000 या 2000 रुपये तो नहीं दे रहा, चुनाव आयोग की इस पर भी नजर रहेगी.

लोकसभा चुनाव 2024: आम चुनाव की घंटी बज गई है. चुनाव आयोग की तरफ से सात चरण के चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर दिया गया है. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि इस बार का आम चुनाव कई मायनों में खास रहने वाला है. भारत जैसे विविधता भरे देश में चुनाव कराना बड़ी चुनौती है. उन्होंने बताया कि इस बार के चुनाव में धन-बल का इस्तेमाल नहीं होने देंगे. हर चीज पर कड़ी नजर रखी जाएगी. चुनाव आयोग की तरफ से पिछले चुनावों में लेनदेन से जुड़े मामले सामने आने के बाद इस पर और कड़ी निगरानी की जाएगी.
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर भी नजर
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि चुनाव के दौरान पैसों के लेनदेन पर नजर रखने के लिए बैंकों को निर्देश दिए गए हैं. बैंक नकद के साथ ही ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर भी नजर रखेंगे. उन्होंने बताया कि इस बार बैंक खाताधारकों की तरफ से किये जाने वाले 1000 रुपये तक के ट्रांजेक्शन पर नजर रखी जाएगी. वॉलेट से कोई 1000 या 2000 रुपये तो नहीं दे रहा, चुनाव आयोग की इस पर भी नजर रहेगी. इलेक्शन कमीशन का मकसद पैसों के दम पर मतदाताओं को प्रभावित करने से रोकना है.
बैंक कैसे रखेंगे नजर
चुनाव के दौरान धांधली के मामले कई बार सामने आए हैं. पिछले कुछ सालों में चुनाव के दौरान नकदी की धरपकड़ बढ़ने से इस बार चुनाव आयोग पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दे रहा है. बैंकों की तरफ से चुनावी गतिविधियों के दौरान ट्रांजेक्शन पर नजर रखने के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं. आइए जानते हैं इन तरीकों के बारे में-
संदिग्ध लेनदेन की निगरानी
बैंक चुनाव के दौरान सभी लेनदेन की निगरानी करते हैं. संदिग्ध लेनदेन की पहचान करने के लिए एल्गोरिदम का यूज किया जाता है. इनमें बड़ी रकम का लेनदेन, असामान्य लेनदेन पैटर्न और अपराधियों से जुड़े खातों में लेनदेन शामिल होते हैं. दूसरा बैंक इस दौरान नकदी लेनदेन पर एक लिमिट तक पाबंदी लगाकर रखते हैं. साथ ही लेनदेन की लिमिट भी तय कर दी जाती है.

बैंक अकाउंट की जांच
आरबीआई और बैंकों की मदद से चुनाव आयोग की खातों पर भी नजर रहती है. इतना ही नहीं संदिग्ध ट्रांजेक्शन का ऑडिट भी कराया जा सकता है. संदिग्ध चुनावी गतिविधियों के बारे में बैंक और चुनाव आयोग को जानकारी देने वाले को प्रोत्साहित भी किया जाता है. इस दौरान बैंक चुनाव आयोग के साथ मिलकर काम करते हैं. कोई भी बड़ा ट्रांजेक्शन किये जाने पर बैंक उससे जुड़ा प्रूफ मांग सकता है.
पहचान और पते का सत्यापन
यदि आप चुनाव के दौरान बैंक से एक लिमिट से ज्यादा कैश निकालते हैं या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं तो बैंक ग्राहकों की पहचान व पते से जुड़ा सत्यापन कर सकता है. इसके जरिये यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लेनदेन वैध खाताधारकों द्वारा किए जा रहा है या नहीं. इसके अलावा असामान्य गतिविधियों जैसे बड़ी रकम के लेनदेन आदि से जुड़ी जानकारी चुनाव आयोग को बैंक की तरफ से दी जाएगी.