दशहरे के अवसर पर राजस्थान की हिंडौन सिटी में रावण दहन से पहले एक जुलूस शहर में ऐसा निकलता है. जो सभी को चौंकाने के साथ-साथ हैरानी में डाल देता है. जी हां क्योंकि इस जुलूस में कुछ युवा छाती पर रखकर पत्थर की चट्टान हथौड़े से तोड़ते हैं और तो और छाती के ऊपर से ट्रैक्टर और बाइक भी आसानी से जमीन पर निकाल देते हैं I विजयदशमी का त्यौहार कल पूरे देशभर में रावण के विशाल पुतलों के दहन के बाद हर्षोल्लास के साथ मनाया गया है. लेकिन आज हम आपको राजस्थान के उस शहर के दशहरे के अवसर पर साल में एक बार निकलने वाले जुलूस के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसमें दिखाए जाने वाले युवाओं के खतरनाक करतब हजारों दर्शकों को हैरानी में डाल देते हैं. जी हां राजस्थान की हिंडौन सिटी में परंपरा अनुसार होने वाले रावण दहन से पहले एक भव्य जुलूस शहर में निकाला जाता है. दशहरे के अवसर पर निकलने वाले इस जुलूस में बजरंग अखाड़े के कुछ युवा न केवल छाती पर रखकर पत्थर की विशाल चट्टान हथौड़े से तोड़ते हैं. बल्कि अखाड़े के यह युवा ट्रैक्टर जैसा भारी साधन और बाइक तक नुकीली कीलों के ऊपर लेटकर अपनी छाती के ऊपर से गुजार देते हैं I इतना ही नहीं इस भव्य जुलूस में अखाड़े के सैकड़ो युवा अनेकों प्रकार के खतरनाक करतब दिखाते हैं. जिन्हें देखकर जुलूस में आए हजारों दर्शक रोमांचित हो उठते हैं. जिसमे आग का खेल, आंखों पर काली पट्टी बांधकर लाठीबाजी और तलवारबाजी करना और तो और हाथों से बाइक को उठाकर चारों दिशाओं में घुमा देना युवाओं का हाथ का खेल है. जो एक बार तो आपको हैरतअंगेज कर देगा.

इस जुलूस के लिए सालभर युवा करते हैं तैयारी
जानकारी के अनुसार हिंडौन के बजरंग अखाड़े के युवा दशहरे पर निकलने वाले इस जुलूस में करतब दिखाने के लिए साल भर पहले से तैयारी करते हैं. तब जाकर ऐसे खतरनाक करतब दिखा पाते हैं. 20 साल से इन सभी गुरों को युवाओं को सीखाते आ रहे बजरंग अखाड़े के गुरु हीरा लोढ़ी बताते हैं कि मैं लगभग 20 साल बच्चों को इन सभी करतबों को सीखता आ रहा हूं, जिसमें बच्चों को तलवारबाजी और लठबाजी सीखाकर उन्हें तैयार करता हूं और साल में एक बार दशहरे के दिन निकलने वाले जुलूस में सभी बच्चे और युवा इन सभी कलाओं की प्रस्तुति देते हैं.

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