Who is Salim Pistol: दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच ने हाशिम बाबा गैंग के गुर्गे को गिरफ्तार किया है, जिसने बताया है कि सलीम पिस्टल भारी पैमाने पर अपराधियों को हथियार सप्लाई कर रहा है.

Salim Pistol Story: तुर्किये में बनी पिस्टल जिगाना पिस्टल आजकल गैंगस्टर्स की पहली पसंद बन चुकी है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इसको पहली बार भारत लाने वाला कौन है? इस पिस्टल को गैंगस्टर्स क्यों पसंद करते हैं? इसके लिए कितने पैसे खर्च करने पड़ते हैं? तो चलिए आपको इन सभी सवालों के जवाब बताते हैं. लेकिन, सबसे पहले आपको बताते हैं कि आखिर जिगाना पिस्टल अभी चर्चा में क्यों है. दरअसल, दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच ने हाशिम बाबा गैंग के गुर्गे को गिरफ्तार किया है, जिसने बताया कि सलीम पिस्टल भारी पैमाने पर अपराधियों को हथियार सप्लाई कर रहा है.
कौन है सलीम पिस्टल?
सलीम पिस्टल यानी सलीम अहमद ही वह शख्स है, जो पहली बार जिगाना पिस्टल भारत लेकर आया था. इसमें बुलंदशहर के खुर्जा के दो भाई रिजवान व कुर्बान ने सलीम की मदद की थी. करीब पांच-छह साल पहले पहली बार सलीम अहमद, रिजवान और कुर्बान नेपाल से जिगाना पिस्टल भारत लेकर आए थे. सलीम अहमद देश का नामी अवैध हथियार तस्कर है और इस वजह से उसका नाम सलीम उर्फ पिस्टल पड़ गया है.
मकोका मामले में भगोड़ा हासिम बाबा गैंग का सदस्य गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एक टीम ने दिल्ली के जाफराबाद के रहने वाले भगोड़े अजाज उर्फ मोनू उर्फ दादा को गिरफ्तार किया है. उसे एफआईआर नंबर 197/2019, यू/एस 3/4 मकोका, पीएस क्राइम ब्रांच, दिल्ली के मामले में भगोड़ा घोषित किया गया था. मामला दर्ज होने के बाद से वह फरार था और गिरफ्तारी से बच रहा था. इस मामले में नासिर और हासिम बाबा गिरोह के कुल 9 अभियुक्तों को अपराधी घोषित किया गया था. उसके कब्जे से 1 पिस्टल और 3 जिन्दा कारतूस बरामद किए गए है.
पूछताछ में सलीम पिस्टल को लेकर बड़ा खुलासा
पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपी अजाज उर्फ मोनू उर्फ दादा बचपन से ही हासिम बाबा का करीबी सहयोगी है और उसी इलाके का रहने वाला है. जब उत्तर-पूर्वी जिले के व्यापारियों को हासिम बाबा गैंग से रंगदारी की धमकियां मिलती थीं तो वे स्थानीय पुलिस को रिपोर्ट करने से बचने के लिए आरोपी अजाज उर्फ मोनू उर्फ दादा से संपर्क करते थे. आजकल आरोपी अजाज उर्फ मोनू उर्फ दादा हासिम बाबा की पत्नी के संपर्क में है. इसके अलावा खुलासा हुआ है कि बरामद अवैध हथियार की व्यवस्था हासिम बाबा के निर्देश पर सलीम उर्फ पिस्टल ने ही की थी.
क्या है जिगाना पिस्टल की खासियत और कितनी है कीमत
जिगाना पिस्टल पहले नेपाल के रास्ते गैरकानूनी तरीके से भारत लाई जाती है, लेकिन अब यह पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भारत आने लगी है. पिस्टल को पंजाब सीमा से लगे इलाकों में ड्रोन के जरिए गिरा दिया जाता है और फिर यहां से इसकी सप्लाई की जाती है. रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल से भारत आने वाली जिगाना पिस्टल की कीमत करीब छह लाख रुपये होती थी, लेकिन ड्रोन से लाई जाने वाली जिगाना करीब चार लाख में मिल जाती है. जिगाना की खासियत है कि इसे एक बार लोड करने के बाद 15 गोलियां चलाई जा सकती हैं और इसी वजह से यह गैंगस्टर्स की पहली पसंद है. इसका वजन 720 से 920 ग्राम के बीच होता है और यह अलग-अलग मॉडल पर निर्भर करता है. डबल एक्शन रिकॉयल तकनीक की वजह से इस पिस्टल में मैगजीन आसानी से लोड हो जाती है.
अतीक अहमद और मूसेवाला की हत्या में हुआ था जिगाना का इस्तेमाल
जिगाना पिस्टल इससे पहले भी कई बार सुर्खियों में आ चुकी है और कई बड़े हत्याकांड में इसका इस्तेमाल हो चुका है. पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या में जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था. इसके अलावा इस साल प्रयागराज में माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या में भी जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल हुआ था.