फ्रांस की राजधानी पेरिस में सांसदों द्वारा नए विधेयक पर सहमति बनाने पर मंगलवार को न्यू कैलेडोनिया में दंगा भड़क गया। इस नए विधेयक के अनुसार, 10 वर्षों से न्यू कैलेडोनिया में रहने वाले फ्रांसीसी निवासियों को प्रांतीय चुनावों में मतदान करने की अनुमति दी जाएगी। इस फैसले से कुछ स्थानीय नेताओं को डर है कि इससे वहां के मूल निवासियों (कनक) का वोट कमजोर पड़ सकता है। इस विधेयक को लेकर पिछले तीन दिनों से न्यू कैलेडोनिया में हिंसा जारी है। इस दौरान शीर्ष फ्रांसीसी अधिकारी ने गुरुवार सुबह कहा कि सशस्त्र बलों को न्यू कैलेडोनिया के दो हवाई अड्डों और बंदरगाहों की रक्षा करने के लिए तैनात किया गया है। बता दें कि इस हिंसक दंगों में चार लोगों की मौत हो गई। इस हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए फ्रांस ने आपातकाल की घोषणा की। फ्रांस के उच्चायुक्त लुई ले फ्रैंक ने कहा कि तीन नगर पालिकाओं में जेंडरमेस को पांच हजार प्रदर्शनकारियों का सामना करना पड़ा, जिसमें से तीन से चार हजार राजधानी नौमिया से थे। उन्होंने आगे कहा, “दो सौ लोगों को गिरफ्तार किया गया। 64 जेंडरमेस और कई पुलिसकर्मी घायल हुए।” 

फ्रांस में आपातकाल की घोषणा
फ्रांस ने न्यू कैलेडोनिया में आपातकाल की घोषणा की। प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों में आग लगा दी। इसके साथ ही उन्होंने कई दुकानों में भी लूटपाट की। मौजूदा स्थिति पर बात करते हुए नौमिया के निवासी योन फ्लूरोट ने बताया कि उन्होंने लूटपाट होते हुए देखा। कुछ दुकान के मालिक अपनी मर्जी से छापेमारी की इजाजत दे रहे हैं। वे दुकान को नुकसान न पहुंचाने का अनुरोध करते हैं। इस हिंसा में तीन युवा कनक की मौत हो गई। वहीं गोली लगने से एक 24 वर्षीय पुलिसकर्मी की भी जान चली गई। क्षेत्र में आपातकाल की स्थिति अगले 12 दिनों तक रहेगी। प्रशासन ने टिक-टॉक वीडियो एप पर भी प्रतिबंध लगाया है। बता दें कि फ्रांस ने 1853 में खनिज समृद्ध न्यू कैलेडोनिया को अपने कब्जे में ले लिया था। वहां के निवासियों को 1957 में फ्रांस की नागरिकता दी गई थी। मीडिया के अनुसार, यहां के कनक और यूरोपीय लोगों के बीच लंबे समय से ही तनाव जारी है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *