
राजधानी ढाका में कई जगह आगजनी की घटनाएं हुईं….मे
बांग्लादेश में पिछले कई हफ्तों से बढ़ रहे राजनीतिक तनाव की वजह से विरोध-प्रदर्शन और खून-खराबा शुरू हो गया है.
इससे बांग्लादेश में अगले साल जनवरी में होने वाले आम चुनाव से पहले खतरा पैदा हो गया है |
पिछले रविवार को देश के कई वरिष्ठ विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके एक दिन बाद सरकार के खिलाफ आयोजित एक विशाल रैली में हिंसा हुई थी. इसमें विपक्ष के दो समर्थकों की मौत हो गई थी |
फिर खड़ी हो रही मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से इस्तीफे की मांग करते हुए विरोध-प्रदर्शन तेज कर दिया है |
बीएनपी और उसके सहयोगी दल आम चुनाव से पहले एक तटस्थ अंतरिम सरकार की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि हसीना की सरकार में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं |वहीं शेख़ हसीना की पार्टी अवामी लीग के नेतृत्व वाली सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया है |
बीएनपी की रैली में कितने लोग आए थे?

राजधानी ढाका में आयोजित बीएनपी की रैली में हज़ारों लोग शामिल हुए थे. यह इस दशक में हुई सबसे बड़ी रैली थी |
लेकिन इसके बाद ही चीजें हिंसक हो गईं|
विपक्षी समर्थकों ने जब पत्थर और ईंटें फेंकनी शुरू कीं तो पुलिस ने रबड़ की गोलियां और आंसू गैस के गोले छोड़े. |
राजधानी की कुछ सड़कों पर हथगोलों के धमाकों, आंसू गैस के गोले और टूटे शीशे से बिखरे हुए थे |
दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर हिंसा शुरू करने का आरोप लगाया है |
विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमन ने बीबीसी से कहा, “विपक्ष समर्थकों ने पुलिस, पत्रकारों, अस्पतालों, एम्बुलेंसों और मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों के घरों पर हमला किया. इससे अराजकता फैल गई.” |
वहीं बीएनपी के वरिष्ठ नेता अमीर खसरू महमूद चौधरी ने बीबीसी को बताया, ” यह एक शांतिपूर्ण और अहिंसक रैली थी, लेकिन सरकार उसमें आई भारी भीड़ से चकित थी. इसलिए उन्होंने रैली को बाधित करने का फैसला किया.”|
उन्होंने कहा, “रैली पर दो तरफ से हमला हुआ. यह एक युद्ध क्षेत्र जैसा लग रहा था. इसलिए, हमें अपनी सार्वजनिक बैठक बीच में ही रोक देनी पड़ी |
वहीं सत्तारूढ़ अवामी लीग ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है कि उसके समर्थकों ने रैली में भाग लेने वाले विपक्ष के कार्यकर्ताओं को उकसाया |