Nepal Bhookamp : शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात आए भूकंप से नुकासन का दायरा बढ़ता जा रहा है। ताजा जानकारी के मुताबिक नेपाल के जाजरकोट रुकुम में 140 लोगों की मौत हुई है। अधिकतर लोग सो रहे थे जब रिक्टर सकेल पर 6.2 तीव्रता वाला भूकंप आया।

नमस्कार। बीती रात जब आप सो रहे होंगे नेपाल में बड़ा भूकंप आया जिसने बिहार, यूपी से लेकर दिल्ली तक कंपन पैदा की। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 आंकी गई है। भूकंप के कुछ घंटों बाद इससे नुकसान की खबरें नेपाल से आ रही हैं। भूकंप का केंद्र नेपाल के जाजरकोट जिले के लामिडाना में था। वहां सबसे ज्यादा जान-माल का नुकसान हुआ है। अब तक 140 लोगों के मारे जाने की खबर है। इस भूकंप में जाजरकोट के ADM की भी मौत हो गई है. नेपाल में लगातार भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं. कल से अब तक 10 बार भूकंप आया है. जबकि आज सुबह से भूकंप के 6 हल्के झटके महसूस हुए हैं.

जाजरकोट में कल रात आए शक्तिशाली भूकंप में नलगढ़ नगर पालिका की उपप्रधान सरिता सिंह की मौत हो गई. डिस्ट्रिक्ट पुलिस ऑफिस के डीएसपी संतोष रोका ने बताया कि मुख्यालय खलंगामा वाले घर में सोए रहने के दौरान मकान गिरने से उनकी मौत हो गई. मौके से निकालकर इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई.

बता दें कि नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड नेपाली सेना की 16 सदस्यों की मेडिकल टीम के साथ जाजरकोट के लिए रवाना हो गए हैं। बीती रात 11:39 बजे आए भूकंप का केंद्र जाजरकोट के बरेकोट में था, जिससे नलगढ़ नगर पालिका, रुकुमपास्चिम के अथाविस्कोट नगर पालिका में ज्यादा नुकसान हुआ है। भूकंप से दो जिलों में 60 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है।

पुलिस के मुताबिक रुकुम में 28 लोगों की मौत हुई है और जाजरकोट में 20 लोग मारे गए हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने सेना को राहत के काम में लगाया है। दैलेख, सालयान और रोतलपा जिले के सुदूर गांवों से भी घरों के गिरने की खबरें आ रही हैं।

जाजरकोट काठमांडू से 500 किलोमीटर दूर है। नेपाल में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। तीन अक्टूबर को भी ऐसा ही हुआ था। तब तीव्रता 6.2 मापी गई थीं। जाजरकोट में एक व्यक्ति ने बताया – हम लोग खाना खाने के बाद सोने की तैयारी कर रहे थे। तभी बिस्तर हिली। लगा जैसे झूला झूल रहे हैं। डर के मारे बाहर भागे। थोड़ी ही देर बाद मेरा घर गिर गया। 

नेपाल और बिहार के लोग अभी भी 2015 के भूकंप को याद कर सिहर जाते हैं। उस विनाशलीला में 12000 लोग मारे गए थे। दस लाख घर जमीदोंज हो गए.

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नेपाल में आए भूकंप में जानमाल के नुकसान पर शनिवार को दु:ख जताया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की. उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के कारण लोगों की मौत से व्यथित हूं. हमारी गहरी संवेदना और सहानुभूति पीड़ितों के परिवारों और घायलों के साथ है. संकट की इस घड़ी में भारतीय नागरिक नेपाल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.’’ नेपाल में शुक्रवार आधी रात से ठीक पहले आए 6.4 तीव्रता वाले भूकंप के तेज झटकों के कारण हिमालयी देश के सुदूर पर्वतीय क्षेत्र में कम से कम 140 लोगों की मौत हो गई, कई घायल हो गए और सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो गए. यह नेपाल में 2015 के बाद सबसे विनाशकारी भूकंप है. 

क्यों आता है भूकंप

हिमालय रेंज भूकंप के खतरों से जूझ रहा है। इसमें नेपाल भी आता है। इंडियन और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स यहां आपस में टकराते रहते हैं। मौसम परिवर्तन ने इस खतरे को और बढ़ा दिया है। ग्लेशियर लगातार पिघल रहे हैं। इससे हिमालय रेंज के पहाड़ों की स्लोप पर असर पड़ता है। सन 2000 के बाद हर साल 500 से 600 झटके महसूस किए जा रहे हैं। एक आकलन के मुताबिक 2030 तक हिमालय के 20 परसेंट ग्लेशियर पिघल सकते हैं। इससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।