India In BRICS Meeting: ब्रिक्स की विशेष बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘इजराइल-फलस्तीन मसले’ पर दो राष्ट्र सिद्धांत के साथ शांति बहाल करने की वकालत की है और खुले तौर पर कहा है कि भारत फलस्तीनी नागरिकों के हितों के साथ खड़ा है.

India on Israel Hamas War: मौजूदा दौर में जब पूरी दुनिया में अशांति का माहौल बन रहा है और कई बड़े मुल्क जंग करके खुशहाली का रास्ता तलाशने में लगे हुए हैं. ऐसे में भारत के महान शायर साहिर लुधियानवी का एक शेर याद आता है.

जंग तो खुद ही एक मसअला है

जंग क्या मसअलों का हल देगी 

आग और खून आज बख्शेगी 
भूख और एहतियाज कल देगी

हाल ही में ब्रिक्स की एक विशेष बैठक हुई. इसमें भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिस्सा लिया. ‘इजराइल-हमास युद्ध’ को लेकर भारत ने अपना स्टैंड क्लियर करते हुए कहा कि इस मसले पर उसकी दशकों पुरानी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है.

‘इजराइल-फलस्तीन मसले’ का क्या है हल?

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘इजराइल-फलस्तीन मसले’ पर ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ के साथ शांति बहाल करने की वकालत की है और खुले तौर पर कहा है कि भारत फलस्तीनी नागरिकों के हितों के साथ है. जब भारत ने अपनी बात रखी तो इस पर उसे ऑस्ट्रेलिया समेत बाकी देशों का समर्थन मिला. पड़ोसी मुल्क चीन ने भी फलस्तीन को हर संभव मदद देने की बात कही है. ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ को लेकर भारत का कहना है कि इजरायल के साथ फलस्तीन के लोगों के लिए एक आजाद मुल्क का गठन होना चाहिए, जहां सब लोग खुशी से रह सकें. ‘इजरायल-फलस्तीन मसले’ का यही स्थायी समाधान हो सकता है.

शांति बहाल करने की वकालत

‘अहिंसा परमो धर्मः’ यानी अहिंसा ही दुनिया में सबसे बड़ा धर्म है. शुरुआती कक्षाओं में संस्कृत का यह श्लोक आपने जरूर पढ़ा होगा. किसी भी नई जनहित की नीति को बनाते या अपनाते हुए भारत इन तीन शब्दों के ‘मंत्र’ का ख्याल जरूर करता है. मौजूदा दौर में इजराइल-हमास युद्ध, रूस-यूक्रेन वॉर और चीन-ताइवान क्लैश समेत कई लड़ाइयों के चलते दुनिया ‘जंग का मैदान’ बनती जा रही है. हालांकि, इन सभी विवादों में वैश्विक रूप से भारत ने खुलकर अपनी बात रखी है जिससे कई बड़े देशों पर दबाव बनाने में सफलता भी मिली है. इसका ताजा उदाहरण हमें कनाडा के रूप ने देखने को मिलता है, जब उसे भारत के खिलाफ अपने तेवर बदलने पड़े.

बैठक में वैश्विक नेताओं ने लिया हिस्सा

जब दुनिया में अशांति का माहौल बनते जा रहा है. ऐसे में ‘अहिंसा परमो धर्म:’ की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है. आपको बता दें कि ब्रिक्स संगठन ने 21 नवंबर को एक विशेष बैठक बुलाई थी जिसमें ‘पश्चिम एशिया विवाद’ पर चर्चा की गई. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति लुला डा सिल्वा और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत दुनिया के कई शीर्ष नेताओं ने इस बैठक में हिस्सा लिया.

पश्चिम एशिया की स्थिति बेहद चिंताजनक

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पश्चिम एशिया की स्थिति बदतर होती जा रही है जो बेहद निराशाजनक है. इजराइल और हमास की लड़ाई में भारत ने फलस्तीनी नागरिकों के साथ हो रही बर्बरता की निंदा की. वैश्विक पटल पर भारत के रवैये से पता चलता है कि वह सशक्त तरीके से अपनी बात को रखना जानता है जिसकी वजह से उसे बाकी मुल्कों का साथ मिल रहा है. गौरतलब है कि हमास को लेकर भी भारत ने अपना नजरिया स्पष्ट किया है. एस जयशंकर ने कहा कि भारत किसी भी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है और अन्य मुल्कों को भी ऐसा ही करना चाहिए.