When Aamir Khan refused to do Lagaan: क्या आप जानते हैं कि जब निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने उन्हें यह फिल्म सुनाई तो अभिनेता ने इसे अस्वीकार कर दिया. आमिर ने एक बार नहीं, बल्कि दो बार इस फिल्म को रिजेक्ट किया था, लेकिन अंततः उन्होंने ही इसका निर्माण भी किया?

When Aamir Khan refused to do Lagaan: ‘लगान: वंस अपॉन ए टाइम इन इंडिया’ आमिर खान के करियर की सबसे खास फिल्मों में से एक है.  इस क्लासिक ने मुख्यधारा के हिंदी सिनेमा का चेहरा बदल दिया था. इसने बॉलीवुड के दशकों पुराने फील-गुड फॉर्मूले को चुनौती दी थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने आमिर खान से संपर्क किया तो उन्हें यकीन नहीं था कि ऐसी फिल्म चल सकती है. दरअसल, उन्हें लगा कि यह अजीब है. तो किस बात ने उनके दिल को इतना बदल दिया कि आमिर खान ने इस फिल्म को अपनी पहली प्रोडक्शन फिल्म बनाने का फैसला भी कर लिया?

‘लगान’ एक शानदार कहानी थी, जो 2002 में ऑस्कर में भारत की ऑफिशियल एंट्री बन गई. इस फिल्म को अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म में नॉमिनेशनल भी मिला. हालांकि, आमिर खान को लगान के न जीतने पर उन्हें निराशा हुई थी, लेकिन उन्होंने दर्शकों के प्यार को अपना सबसे बड़ा पुरस्कार माना था. 

कहानी सुनने के 5 मिनट बाद लगान कर दी थी रिजेक्ट
लेकिन क्या आप जानते हैं कि आमिर खान को शुरू में फिल्म पर विश्वास नहीं था. जब निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने लगान के लिए उनसे संपर्क किया, तो अभिनेता ने नेरेशन के पांच मिनट बाद इसे रिजेक्ट कर दिया था. लगान 1893 के भारत में स्थापित एक साधारण कहानी थी, जो ब्रिटिश राज के अधीन था. यहां, भुवन (आमिर खान) के नेतृत्व में एक दूरदराज के गांव में विद्रोही किसानों का एक समूह लगान (कृषि कर) से बचने के लिए क्रिकेट खेलने का फैसला करता है. यह एक ऐसा खेल था, जिसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी और उन्हें इंग्लैंड के अनुभवी खिलाड़ियों के खिलाफ जीतना था.

आमिर खान ने ‘लगान’ कहानी को बताया था ‘विचित्र’
‘लगान’ कहानी को ‘विचित्र’ बताते हुए आमिर ने आशुतोष को एक अलग फिल्म लिखने की सलाह दी थी, क्योंकि उनकी पिछली दो फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल रही थीं. इनमें आमिर के साथ एक बड़े बजट की एक्शन थ्रिलर बाजी (1995) भी शामिल थी. उस बातचीत को याद करते हुए आमिर ने एक इंटरव्यू में कहा था, ”जब मैंने लगान सुनी, तो उसके पांच मिनट के नेरेशन में ही मैंने इसे खारिज कर दिया था. मुझे ऐसा लगा जैसे यह उन लोगों की कहानी है, जो लगान चुकाने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि बारिश नहीं हो रही है और वे ब्रिटिश लोगों के साथ क्रिकेट खेलते हैं! मैंने कहा, ‘यह कैसा अजीब विचार है!’ मैंने आशुतोष से कहा, ‘यह एक अजीब कहानी है.’ मैंने उनसे कहा कि मुझे एक अलग कहानी दीजिए.’

आशुतोष गोवारिकर ने नहीं मानी हार
आशुतोष गोवारिकर ने हार नहीं मानी. तीन महीने बाद वह पूरी स्क्रिप्ट लेकर आमिर खान के पास गए. आमिर खान ने स्वीकार किया कि वह चिढ़ गए थे और उन्होंने इस बारे में बातचीत करने से इंकार कर दिया था. लेकिन, चूंकि आशुतोष एक दोस्त थे इसलिए उन्होंने स्क्रिप्ट सुनी. हालांकि,व्यावसायिक सिनेमा के ढांचे को तोड़ने को लेकर आमिर के मन में अभी भी संदेह था. 

आमिर ने दूसरी बार फिल्म को ठुकराया
आमिर खान इस फिल्म को दूसरी बार भी ठुकरा दिया था. आमिर ने बताया था, ”लेकिन जब मैंने कहानी सुनी, तो मैं उसमें डूब गया. मुझे लगान की अंतिम स्क्रिप्ट बहुत पसंद आई और यह अविश्वसनीय लगी. मैंने उनसे कहा, ‘यह एक शानदार स्क्रिप्ट है और यह मुख्यधारा सिनेमा का रिकॉर्ड तोड़ देती है. लेकिन, मुझे हां कहने से डर लगता है. मैं यह नहीं कर सकता.”

आमिर के माता-पिता ने दी फिल्म करने की सलाह
एक साल बीत गया, लेकिन आमिर खानअभी भी लगान करने को लेकर अनिश्चित थे. उन्हें नहीं पता था कि कहानी के अच्छे इरादों का सिनेमा में चल पाएगा या नहीं. उन्होंने अपने माता-पिता से सलाह मांगी, जो फिल्म उद्योग से अच्छी तरह वाकिफ थे. वे कहानी से प्रभावित हुए और आंसुओं के बीच अपने बेटे को फिल्म करने के लिए कहा. इससे आमिर खान ने इस प्रोजेक्ट पर आगे बढ़ने का साहस मिला. 

‘लगान’ से प्रोड्यूसर बने आमिर खान
निर्माता-निर्देशक ताहिर हुसैन के बेटे आमिर खान ने खुद से वादा किया था कि वह कभी फिल्म का निर्माण नहीं करेंगे. लगान ने इसे बदल दिया. चूंकि कोई भी निर्माता ग्रामीण काल ​​की फिल्म में 25 करोड़ रुपये का निवेश करने और अकेले आमिर पर भरोसा करने का जोखिम लेने को तैयार नहीं था, इसलिए अभिनेता ने कमान संभालने का फैसला किया. उनकी पूर्व पत्नी रीना दत्त एक कार्यकारी निर्माता के रूप में सामने आईं.