Khargone News: राय टेमरी गांव की हालत यह है कि ग्रामीणों को पीने का पानी के लिए करीब 4 से 5 किलोमीटर दूर कच्चे कुएं से लाना पड़ रहा है. महिलाएं सिर पर बर्तन रखकर सुबह 5 बजे से पानी भरने के लिए घर से निकल जाती हैं.

मध्य प्रदेश के खरगोन में लोकसभा चुनाव मतदान के बाद राजनीतिक गर्मी तो शांत हो गई लेकिन मौसमी गर्मी के कारण लोग बेहाल हैं. जलसंकट ऐसा गहराया कि लोगों को पांच किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है. ग्रामीण भरी दोपहरी में पैदल और बैलगाड़ी से पानी लाने को मजबूर हैं. पानी लाने के लिए सुबह 5 बजे कुएं पर लोग पहुंच जाते हैं. पानी के लिए सुबह 5 से रात के 12 बजे तक बर्तनों की लाइन लगती है.
दरअसल, खरगोन में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. भीषण गर्मी के चलते कई जगह जलसंकट की स्थिति निर्मित हो गई है. जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूर भगवानपुरा विकासखंड के पलाशकूट के पास राय टेमरी गांव में भीषण जलसंकट गहरा गया है. आदिवासी अंचल में भीषण गर्मी के चलते कई हैंडपंप पूरी तरह से सूख गए हैं. नदी-नालों में पानी के डबरे भी नहीं भरे हैं.
राय टेमरी गांव की हालत यह है कि ग्रामीणों को पीने का पानी के लिए करीब 4 से 5 किलोमीटर दूर कच्चे कुएं से लाना पड़ रहा है. महिलाएं सिर पर बर्तन रखकर सुबह 5 बजे से पानी भरने के लिए घर से निकल जाती हैं. देखें Video:-
ग्रामीणों की मानें तो पानी की एक-एक बूंद को तरस गए हैं. महिलाएं सुबह 5:00 बजे पानी के लिए लाइन में लगती हैं, तो 11:00 जाते हैं. ऐसे में समस्या ये है कि मजदूरी का समय निकल जाता है और या तो पानी भरें या फिर मजदूरी करें, दोनों ही तरफ से ग्रामीण महिलाओं पर मार पड़ रही है.
जलसंकट से परेशान ग्रामीण महिला का कहना है कि हम पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. सुबह 5 बजे पानी लेने के लिए निकलते हैं और पानी लाने में 11 बज जाते हैं. ऐसे में दूसरे काम भी नहीं कर पा रहे हैं. हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही.
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जनपद पंचायत के सीईओ पवन शाह का कहना है कि जिन ट्यूबवेलों में पानी है वहां पीएचई के माध्यम से मोटर की व्यवस्था कर दी गई है और निर्मल नीर के माध्यम से भी पानी की व्यवस्था की गई है. अगर और कोई समस्या आएगी तो दिखाएंगे.