अली दाबा के परिवार के बच्चों को पहचान के लिए पहनाए गए ब्रेसलेट।

इजराइल के पलटवार हमलों से गाजा में मौत का तांडव मच गया है। हमास आम फिलिस्तीन नागरिकों को ढाल बनाकर जंग लड़ रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों के शवों को सामूहिक रूप से दफनाना पड़ रहा है। लोग अपने परिजन के क्षत विक्षत शव को पहचान सकें, इसके लिए हाथों में ब्रेसलेट पहना रहे हैं। पढ़िए पूरा मामला।

Israel Hamas War: इजराइल और हमास की भीषण जंग से मानवता शर्मसार हो गई है। इस युद्ध की विभीषिका में अब तक 6 हजार लोग मारे जा चुके हैं। बात जो भावुक कर देती है वो ये है कि किसी की मौत के बाद उसका नाम लेवा तक कोई नहीं है। यही कारण है कि गाजा में लोगों को बिना पहचान के ही सामूहिक कब्रों में दफनाया जा रहा है। एक फिलिस्तीनी नागरिक ने बताया कि शवों को नाम की बजाय नंबर देकर दफनाया जा रहा है। गाजा में कुछ परिवारोंने अपने परिजनों को पहचानने के लिए खास रंग के ब्रेसलेट पहनाने शुरू कर दिए हैं। जिससे कि इजराइली हमले में उनकी मौत यदि हो जाती है तो शव की पहचान उस विशेष ब्रेसलेट से की जा सके। 

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मौत के बाद शवों की पहचान के लिए पहना रहे ब्रेसलेट

गाजा के लोगों की मौत की कई कहानियां हैं। लोग अपने परिजनों को खो रहे हैं। इसी बीच गाजा के एक 40 साल के शख्स अली अल दाबा ने बताया कि उन्होंने बमबारी में लोगों के क्षतविक्षत शवों को देखा है। इन शवों की हालत यह थी कि उन्हें पहचानना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे हालातों में उन्होंने अपने परिवारों को अलग अलग रखने का फैसला किया है। जिससे की बमबारी की स्थिति में पूरा परिवार ही खत्म न हो जाए। उनकी पत्नी दो बेटों और बेटियों के साथ उत्तरी गाजा में रह रही है, वहीं अली खुद तीन बच्चों के साथ खान यूनिस इलाके में रह रहे हैं। 

गाजा में अब तक 6 हजार से अधिक मौतें

हमास के आतंकियों ने बीती 7 अक्तूबर को इस्राइल की सीमा में घुसकर 1400 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इस हमले के पर पलटवार करते हुए इजराइल ने हमास के खिलाफ जंग छेड़ दी है। इजराइली सेना गाजा पर लगातार बमबारी कर रही है। इसी बीच अली ने यह भी बताय कि बुरे वक्त में परिवार के सभी लोगों को पहचाना जा सके, इसके लि सभी लोगों के हाथों में नीले रंग के ब्रेसलेट पहनाए जा चुके हैं। अली ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि ‘अगर किसी हमले में उनके परिजनों की जान जाती है तो वह इन ब्रेसलेट की मदद से उनके शवों की पहचान कर सकेंगे।’ 

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