खालिस्तानी आतंकियों के खतरे को देखते हुए देश के दो पूर्व खुफिया अफसरों की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख सामंत गोयल और पूर्व एनआईए प्रमुख दिनकर गुप्ता को Z श्रेणी सुरक्षा कवर दिया गया है.

खालिस्तानी संगठनों से निपटने में अहम रोल अदा करने वाले पूर्व भारतीय अधिकारियों पर खालिस्तानी संगठनों से बढ़ते खतरों को देखते हुए सरकार ने इन अधिकारियों की सुरक्षा को बढ़ा दिया है. केंद्रीय खुफिया एजेंसी को पता चला था कि कुछ अधिकारियों पर खालिस्तानी समूहों से खतरा मंडरा रहा है.
खालिस्तानी संगठनों से निपटने में अहम रोल अदा करने वाले पूर्व भारतीय अधिकारियों पर खालिस्तानी संगठनों से बढ़ते खतरों को देखते हुए सरकार ने इन अधिकारियों की सुरक्षा को बढ़ा दिया है. केंद्रीय खुफिया एजेंसी को पता चला था कि कुछ अधिकारियों पर खालिस्तानी समूहों से खतरा मंडरा रहा है.
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बढ़ते खतरों को देखते हुए पूर्व रॉ प्रमुख सामंत गोयल और पूर्व एनआईए प्रमुख दिनकर गुप्ता को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. अब इन दो पूर्व शीर्ष अधिकारियों को सीआरपीएफ सुरक्षा प्रदान कर रही है जो कुछ सप्ताह पहले सेवानिवृत्त हुए थे.
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राजनयिकों को धमकी देते रहे हैं खालिस्तानी
खालिस्तानी समर्थक संगठन पहले से ही कनाडा, ब्रिटेन में विभिन्न भारतीय राजनयिकों को धमकी दे देते रहे हैं और हिंसक विरोध प्रदर्शन और सोशल मीडिया के माध्यम से खुलेआम भी धमकी देते रहे हैं. दोनों अधिकारियों ने अतिसंवेदनशील पदों पर काम किया है.
एनआईए खालिस्तानी आतंकवादी समूहों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी द्वारा दायर विभिन्न मामलों की जांच कर रही है. खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के कथित प्रयास के लिए पूर्व रॉ प्रमुख का नाम पहले ही अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा घसीटा जा चुका है.
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कैसी होती है Z कैटेगरी सुरक्षा
Z कैटेगरी स्तर की सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं, जिसमें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के 4 से 5 कमांडों भी होते हैं. अतिरिक्त सुरक्षा दिल्ली पुलिस या सीआईएस की ओर से मुहैया कराई जाती है. सुरक्षा में एक एस्कॉर्ट कार भी शामिल होती है. कमांडोज सब मशीनगन और आधुनिक संचार के साधनों से लैस रहते हैं. इसके अलावा इन्हें मार्शल ऑर्ट से प्रशिक्षित किया जाता है. इनके पास बगैर हथियार के लड़ने का भी अनुभव होता है.
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