कतर के अमीर – फोटो : 

कतर के साल 1996 से ही इस्राइल के साथ व्यापारिक संबंध हैं और यह शुरुआती अरब देशों में शामिल है, जिसके इस्राइल के साथ संबंध रहे हैं। साथ ही कतर का हमास को भी पूरा समर्थन है।

बीती 7 अक्तूबर को इस्राइल पर हमास के बर्बर हमले के बाद से पूरी दुनिया बंटी हुई नजर आ रही है। ऐसे तनावपूर्ण माहौल में पश्चिम एशिया का छोटा सा देश कतर काफी अहम हो गया है। दरअसल कतर ही है जो इस्राइल और हमास के बीच बातचीत करा सकता है और मौजूदा संकट का हल निकाल सकता है। इस्राइल पर हमास के हमले के बाद से ही कतर का नेतृत्व हमास और इस्राइल के संपर्क में है। पश्चिम एशिया की राजनीति को जानने वाले विशेषज्ञ बताते हैं कि कतर बीते कई सालों से अपनी सॉफ्ट पावर बढ़ाकर खुद को पश्चिम एशिया में अपरिहार्य बनाने में जुटा है। अब इस्राइल और हमास के बीच छिड़ी लड़ाई वह मौका है, जिसमें कतर सुलह कराकर दुनिया के बड़े देशों को यह दिखाना चाहता है कि जितनी उसे उनकी जरूरत है, उतना ही ताकतवर देशों के लिए भी कतर जरूरी है।

कतर के इस्राइल और हमास दोनों से अच्छे संबंध
कतर के साल 1996 से ही इस्राइल के साथ व्यापारिक संबंध हैं और यह शुरुआती अरब देशों में शामिल है, जिसके इस्राइल के साथ संबंध रहे हैं। साथ ही कतर का हमास को भी पूरा समर्थन है और हमास के कई शीर्ष नेता कतर में ही रहते हैं और वहां से खुलेआम हमास का संचालन करते हैं। तालिबान के साथ भी कतर के अच्छे रिश्ते हैं और जब तालिबानी नेता निर्वासन में जी रहे थे, तब कई तालिबानी नेता कतर में ही रह रहे थे। 

इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष को बढ़ने से रोकने का दारोमदार भी कतर पर
कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी की एक विशेषज्ञों की टीम है। यही टीम विभिन्न देशों के बीच मध्यस्थता करती है। इस्राइल और हमास के बीच भी पिछले पांच सालों से यही टीम मध्यस्थता की कोशिश कर रही है। अब हमास के कब्जे से अगवा इस्राइली नागरिकों को छुड़ाने की जिम्मेदारी भी कतर पर आ गई है। यही वजह है कि कतर द्वारा लगातार इस दिशा में कोशिश की जा रही है। कतर के प्रयासों से हमास के आतंकियों द्वारा अगवा किए गए लोगों में से चार को छोड़ भी दिया गया है। बीते दिनों जब दो अमेरिकी बंधकों को हमास के आतंकियों ने छोड़ा तो अमेरिका की सरकार ने कतर का विशेष तौर पर धन्यवाद दिया था। यही वजह है कि भू-राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस्राइल और हमास के बीच का संघर्ष ना बढ़े, इसके लिए भी कतर की भूमिका बेहद अहम रहेगी।

अपनी सॉफ्ट पावर बढ़ाने में कई साल से जुटा कतर
महज 12 हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल और करीब तीन लाख की मूल आबादी और कुल 29 लाख की आबादी के साथ कतर एक छोटा प्रायद्वीप देश है, जो सऊदी अरब और ईरान के बीच स्थित है। 475 अरब डॉलर के संप्रभु फंड, गैस और तेल के धनी देश कतर ने फुटबॉल वर्ल्ड कप का सफल आयोजन कर पूरी दुनिया में वाहवाही पाई थी। इसके अलावा कतर की सरकार बर्कले पीएलसी और वॉक्सवैगन एजी जैसी कंपनियों में निवेश के साथ ही पेरिस सेंट जर्मेन फुटबॉल क्लब की मालिक है। साथ ही इसके मीडिया हाउस अल जजीरा ने भी कतर का प्रभाव बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। 

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