Israel Hamas War केरल में फलस्तीन समर्थन में हाल ही में एक रैली निकाली गई थी। इस रैली में आतंकी संगठन हमास का नेता खालिद मशेल (Khaled Mashal) भी वर्चुअली शामिल हुआ जिस पर काफी विवाद भी हुआ। आइए जानते हैं आखिर ये खालिद मशेल कौन है और ये पूरे देश में चर्चा का विषय क्यों बना हुआ है।जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Who is Hamas leader Khaled Mashal इजारयल-हमास युद्ध अब जल्द खत्म होता नहीं दिख रहा है। फलस्तीन स्थित आतंकी संगठन हमास के खात्मे के लिए इजरायल हर रोज अपने हमले तेज करता जा रहा है। आईडीएफ के रॉकेट हमलों के चलते गाजा पट्टी में बसे सैंकड़ों लोगों की जान चली गई है।दरअसल, इस रैली में आतंकी संगठन हमास का नेता खालिद मशेल (Khaled Mashal) भी वर्चुअली शामिल हुआ और उसने लोगों को गाजा और हमास का समर्थन करने को कहा।

आखिर ये खालिद मशेल कौन है और ये पूरे देश में चर्चा का विषय क्यों बना हुआ है। आइए, जानते हैं।

हाल ही में केरल के मलप्पुरम में जमात-ए-इस्लामी की यूथ विंग सॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट (SYM) ने फलस्तीन के समर्थन में एक रैली आयोजित की थी। इस रैली में हमास नेता खालिद मशेल भी शामिल हुआ था और उसने लोगों को गाजा का साथ देने और हिंदुत्व पर हमला बोला था। दरअसल, इस रैली में आतंकी संगठन हमास का नेता खालिद मशेल (Khaled Mashal) भी वर्चुअली शामिल हुआ और उसने लोगों को गाजा और हमास का समर्थन करने को कहा। 

आखिर ये खालिद मशेल कौन है और ये पूरे देश में चर्चा का विषय क्यों बना हुआ है। आइए, जानते हैं।

हाल ही में केरल के मलप्पुरम में जमात-ए-इस्लामी की यूथ विंग सॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट (SYM) ने फलस्तीन के समर्थन में एक रैली आयोजित की थी। इस रैली में हमास नेता खालिद मशेल भी शामिल हुआ था और उसने लोगों को गाजा का साथ देने और हिंदुत्व पर हमला बोला था। 

वेस्ट बैंक में जन्मा है खालिद मशेल

हमास नेता खालिद मशेल का जन्म 1956 में वेस्ट बैंक के सिलवाड शहर में हुआ। हालांकि, 1967 में वेस्ट बैंक पर इजरायल के कब्जे के बाद वो कुवैत चला गया और वहां फलस्तीनी इस्लामी अभियान को भी चलाता रहा। खालिद आतंकी संगठन हमास के संस्थापक सदस्यों में से एक है और 1996 से 2017 तक हमास के पोलित ब्यूरो का चीफ भी रहा है। 

खालिद अब हमास के एक्सटर्नल पोलित ब्यूरो का चीफ है और कतर में रहकर ही हमास के लिए काम करता है।

नेतन्याहू के इशारे पर खालिद को दी गई थी मौत की दवाई 

1990 में जब गल्फ युद्ध हुआ था तो मशेल कुवैत से जार्डन चला गया था। यहां वो 9 साल रहा और फिर कतर और सीरिया और इराक में भी रहा। इससे पहले जब खालिद जार्डन में रहता था तो इजरायल ने उसका खात्मा करने की भी कोशिश की थी।

इजरायल का पीएम बनने के बाद नेतन्याहू के निशाने पर खालिद आ गया था और उन्होंने उसे मारने के लिए अपनी सबसे बड़ी खूफिया एजेंसी मोसाद को इसका जिम्मा सौंपा। मोसाद के एजेंटों ने खालिद को उसके ऑफिस से बाहर आते ही उसके कान पर फेंटनाइल (Fentanyl) छिड़क दी। फेंटनाइल एक ऐसी दवा है, जिसके हैवी डोज से किसी की भी जान जा सकती है।

 

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